बांधवगढ़ टाईम्स अपडेट //---तीन दिवसीय जननायक गोण्ड सभ्यता के महानायकों पर आधारित प्रस्तुतियों का विधायक बांधवगढ ने किया शुभारंभ

प्रथम दिन राजा पेमलशाह पर आधारित नृत्य की हुई प्रस्तुति 

उमरिया 23 नवंबर । जिला मुख्यालय उमरिया के शासकीय कॉलरी स्कूल ग्राउण्ड में मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग एवं जिला प्रशासन के सहयोग से तीन दिवसीय जननायक गोण्ड सभ्यता के महानायको पर आधारित प्रस्तुतियों का आगाज 22 नवंबर से हो गया है जो 24 नवंबर तक चलेगा। प्रथम दिन विधायक बांधवगढ़ शिवनारायण सिंह तथा प्रभारी कलेक्टर अभय सिंह ने दीप प्रज्जवलन कर, कार्यक्रम का शुभारंभ किया तत्पश्चात राजा पेमलशाह पर आधारित नृत्य नाटिका की प्रस्तुति कलाकारों व्दारा दी गई। नाटक को देखकर उपस्थित श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए और तालियो की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया। नाटक का निर्देशन रामचंद्र सिंह तथा संगीत मिलिन्द्र त्रिवेदी ने किया। 

नृत्य नाटिका के माध्यम से दिखाया गया कि राजा पेमलशाह गोंड राजाओं में प्रतापी राजा थे, क्योंकि ब्रह्मा ने स्वयं उनका अवतरण किया था। ब्रह्मा ने संसार की रचना की और उन्होंने संसार को चलाने और उसका भरण पोषण करने के लिए ब्राह्मणों को बुलाया। ब्रह्मा ने ब्राह्मणों से कहा कि मैंने सृष्टि रचना कर दी है लेकिन उनका भरण पोषण करने का दायित्व आप को देना चाहता हूं, तो ब्राह्मणों ने मना कर दिया। उन्होंने पूजा पाठ करने की बात कही। फिर उन्होंने क्षत्रियों को बुलाया लेकिन क्षत्रियों ने भी मना कर दिया। फिर अंत में गोंड को बुलाकर कहा कि इस संसार के भरण पोषण का दायित्व तुम लोगों को संभालना है तो गोण्डों ने उसे स्वीकार कर लिया।

कालांतर में गोण्ड समुदाय में अपनी-अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने की होड़ मच जाती है और आपस में लड़ने-कटने लगते हैं। अब ब्रह्मा सोच में पड़ गए, फिर उन्होंने गोंड में से किसी एक को राजा बनाने के लिए सोचते हैं।इसके लिए वे शरीर की मथानी बनाते हैं और देवताओं द्वारा मथने की प्रक्रिया करते हैं।अंत में सात कोरी देवताओं के मथने से गोण्ड निकल के आते हैं। ब्रम्हा कहते हैं कि जाओ बेटा तुमको राजा बनाता हूं। इसी घराने से राजा पेमलशाह होते हैं उनक् साथ चार भाई शंकर शाह, दलपत शाह, बुढ़न शाह, दूधन शाह होते हैं। राजा पेमलशाह के राज्य में प्रकृति के प्रकोप से उनके राज्य की बर्बादी हो जाती है, जहां भुखमरी आ जाती है। लेकिन पेमल शाह हार नहीं मानते हैं और खेती करते हैं और राज्य में खुशहाली आ जाती है। दिल्ली में बैठा रूम बादशाह को पेमल शाह की कर्मठता का पता चलता है और लह पेमल शाह के पास आता है। तब पेमलशाह को गढ़ मंडला और चौरा दादर को बचाने के लिए भेज देता है। पेमलशाह बूढ़ा एवं पैतृक देवता का आवाहन करते हैं और चौरा दादर एवं गढ़ मंडला को आबाद कर देते हैं।इस अवसर पर उप संचालक सामाजिक न्याय विभाग अमन दुबे सहित भारी संख्या में श्रोता गण उपस्थित रहे। 

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