बिरसा मुंडा थे भारत के महान आदिवासी सेनानी और लोक नायक -पूर्व सांसद
बलिदानी राष्ट्र भक्त बिरसा मुंडा की जीवनी से सभी को प्रेणना लेनी चाहिए-विधायक बांधवगढ़
जनजातीय वर्ग के उत्थान के लिए भगवान बिरसा मुण्डा ने किए अथक प्रयास - सी ई ओ जिला पंचायत
उमरिया 15 नवंबर। भगवान बिरसा मुंडा ने जन जातीय समाज को उसकी चेतना से जोड़ने एवं भारतीय संस्कृति की रक्षा करने तथा जल,जंगल,जमीन को बचाने एवं अधिकारों की रक्षा हेतु आंदोलन छेड़ा। उन्होंने ईसाई मिशनरीज द्वारा किया जा रहे धर्म परिवर्तन को रोकने हेतु आवाज बुलंद की।वे ऐसे वीर सपूत थे जिन्होंने स्वतंत्रता आन्दोलन के पूर्व ही परिस्थितियों को भांप लिया था और स्वतंत्रता के लिए आन्दोलन शुरू कर दिया था। उक्त आशय के विचार पूर्व सांसद शहडोल संसदीय क्षेत्र ज्ञान सिंह ने करकेली जनपद पंचायत के बिरसा खेल परिसर डगडौआ में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।उन्होने कहा कि बिरसामुंडा भारत के एक वीर सपूत थे, सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बांधवगढ विधानसभा क्षेत्र के विधायक शिवनारायण सिंह ने कहा कि बिरसा मुंडा भारत के एक आदिवासी सेनानी और लोक नायक थे,जिनकी ख्याति अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में लोहा लेने के कारण ही। उनके द्वारा चलाया जाने वाले उलगुलान आंदलोन ने बिहार और झारखंड में प्रभाव डाला। केवल 25 वर्ष की उम्र में इतने मुकाम हासिल कर लिए थे कि आज भी भारत की जनता उन्हें याद करती है।सभी समाज के लोग बिरसा जी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर कार्य करें और देश के लिए कार्य करे।सी ई ओ जिला पंचायत अभय सिंह ने कहा कि बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर को रांची जिले के उलिहतु गांव में हुआ था। मुंडा रीति रिवाज के अनुसार उनका नाम वृहस्पतिवार के हिसाब से बिरसा रखा गया था। बिरसा के माता पिता का नाम सुगना मुंडा और माता का नाम करमी हटू था। उन्होने कहा कि जनजातीय संस्कृति की रक्षा, स्वाभिमान स्वराज की स्थापना के लिए अंग्रेजो से लड़ाई करते हुए जनजातीय वर्ग के उत्थान के लिए बिरसा मुंडा ने अथक प्रयास किए । उन्होंने बताया कि 1 से 15 नवंबर तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमे 1 से 10 नवंबर तक स्कूलो में तथा 11 नवंबर से 15 नवंबर तक जन जातीय गौरव रथ यात्रा का आयोजन किया गया, जिसका समापन आज किया गया है। रथ के माध्यम से भगवान बिरसा मुंडा जी की जीवनी के बारे में बताया गया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आशुतोष अग्रवाल ने कहा कि बलिदानी राष्ट्र भक्त बिरसा मुंडा की जीवनी से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। जिन्होंने जल,जंगल,जमीन के लिए लड़ाई लड़ी,युवाओं के लिए प्रेरणा पुंज हैं। कार्यक्रम को अन्य जनो ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या पूजन करके किया गया । कार्यक्रम में पूर्व सांसद शहडोल संसदीय क्षेत्र ज्ञान सिंह सहित अन्य अतिथियों ने भगवान बिरसा मुंडा जी की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया तथा यात्रा का भव्य स्वागत किया । कार्यक्रम में समाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाले , उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगो तथा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उल्लेखनीय कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सेंट जोसेफ स्कूल विन्ध्या के बच्चों व्दारा भगवान बिरसा मुंडा की जीवनी पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया गया। इसी तरह बिरहुलिया एवं करनपुरा के कलाकारों व्दारा लोक नृत्य की प्रस्तुति दी गई।इसी प्रकार अन्य बच्चों व्दारा आदिवासी गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री जी के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण कार्यक्रम स्थल डगडौआ में देखा एवं सुना गया। इस अवसर पर जनपद पंचायत करकेली अध्यक्ष प्रियंका मून सिंह, जिला पंचायत सदस्य मीना कैलाश सिंह, जमीनदाता नत्थू कोल, सहायक आयुक्त जन जातीय कार्य विभाग पूजा द्विवेदी सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे
जन जातीय गौरव दिवस समारोह के जिला स्तरीय कार्यक्रम में विभिन्न विभागों ने लगाई प्रदर्शनी
उमरिया 15 नवंबर। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जी की 150 वी जयंती के अवसर पर बिरसा मुण्डा खेल परिसर डगडौआ में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की प्रदर्शनी लगाई गई। प्रदर्शनी में विभिन्न जनजातीय जननायकों की प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें उनके शौर्य,समर्पण और जीवन संघर्ष का उल्लेख किया गया।
इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा नल जल योजना , स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं पर, स्व सहायता समूह की महिलाओं ने चना, उड़द, मुनगा पाउडर, जीवामृत, कपड़े धोने का पाउडर, साबुन, सामाजिक न्याय विभाग द्वारा विभिन्न पेंशन योजना, महिला बाल विकास विभाग द्वारा वन स्टॉप सेन्टर,लाड़ली बहना योजना, जन जातीय कार्य विभाग द्वारा पी एम जन मन योजना के तहत मिल रही सुविधाओं, कृषि विभाग,ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा प्रदर्शनी लगाई गई। प्रदर्शनी का उद्देश्य शासन के द्वारा संचालित योजनाओं प्रचार प्रसार,उनकी जानकारी एवं स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना था।


