उमरिया। जिले के डोंगरगांव निवासी 12 वर्षीय मनीषा बैगा, पिता मतई लाल बैगा, को शुक्रवार 30 जुलाई की शाम 6:55 बजे गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया। लेकिन दुर्भाग्यवश, लंबे दिनों से घर पर तबियत खराब रही है, अस्पताल आने में देर लगी, शाम को परिजन की मदद से अस्पताल पहुंची युवती को देखते ही चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
ईश दुखद घटना के साथ एक नया पहलू भी जुड़ गया, जब हाल ही में जिले को मिली नि:शुल्क शासकीय शव वाहन सेवा का पहली बार उपयोग किया गया। शव वाहन सेवा के तहत मनीषा के पार्थिव शरीर को अस्पताल से उनके निवास तक पहुंचाया गया, शायद ये पहला मौका मध्यप्रदेश का होगा, जब जिले में प्रदेश की अनूठी योजना का किसी आदिवासी परिवार को लाभ मिला है।इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. के.सी. सोनी ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से मिली दो नि:शुल्क शव वाहन सेवाओं में से कलेक्टर के निर्देश पर पहली बार मनीषा बैगा की अंतिम यात्रा के लिए शव वाहन को उपयोग में लिया गया। यह सेवा शोक संतप्त परिवारों को एक गरिमामयी और सम्मानजनक विदाई देने का एक सराहनीय प्रयास है।