मुराद देने के साथ जन सैलाब के हक में बाबा हुजूर ने दुआएं की
उमरिया - कर्बला की शहीदों की याद में मनाया जाने वाला मोहर्रम पर्व समूचे देश में मनाया जाता है लेकिन उमरिया जिले में मनाया जाने वाला अद्वितीय है यह मानना है कि यहां सभी वर्गों द्वारा जिस प्रकार से मनाया जाता है वह इस देश में विरले ही है। मोहर्रम पर्व की पहली तारीख से हिंदू मुस्लिम सहित सभी वर्ग के लोग मिलकर पर्व मनाने हेतु अपने अपने कार्य में लग जाते है। उमरिया शहर के मोहर्रम पर्व की प्रसिद्धि का कारण उमरिया वाले बाबा हुजूर की सवारी है। ज्ञात हो कि मोहर्रम पर्व की सातवीं, नवमी और दशमी के दिन बाबा सुशील सिंह जी को सवारी आती है सात तारीख को बाबा हुजूर की सवारी शहर का गस्त किए।वहीं शहादत की रात्रि में लोगों द्वारा इमामबाड़ा में चादर,सिन्नी चढ़ाई गई सारी रात मुख्य स्थलों में चाय, शरबत, लंगर, हलुआ आदि का निःशुल्क वितरण विभिन्न समितियों द्वारा किया गया। इस दौरान दूसरे पहर बाबा हुजूर की सवारी आमद हुई। बाबा जी इमामबाड़ा से निकलकर ताजिया की जियारत कर मुख्यालय स्थित मस्जिद में गए उसके बाद वापस इमामबाड़ा पहुंचे। मातमी पर्व मोहर्रम के दिन दोपहर से जगह जगह लंगर तकसीम किया गया जिसमे भारी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। शाम करीब पांच बजे बाबा हुजूर की सवारी आमद हुई और बाबा जी की सवारी इमामबाड़ा से निकलकर ताजिया की जियारत करने के बाद भारी जन सैलाब के साथ मुख्यालय स्थित उत्कृष्ट विद्यालय के सामने बने मुरादगाह के लिए रवाना हुए। बाबा हुजूर के चाहने वालों ने बाबा जी का दीदार कर मन ही मन अपनी एवं अपने परिवार की खुशहाली के लिए दुआएं की। वहीं जगह जगह अपनी नजरे इनायत करते हुए साथ साथ चल रहे अकीदतमंद जन सैलाब के हक में बाबा हुजूर ने दुआएं की। इस दौरान मुरादगाह में पहले से महिलाएं, पुरुष मुराद लेने के लिए लाइन लगाए खड़े थे जिन्हें बाबा हुजूर ने मुराद दी। बाबा हुजूर ने सभी को नेक राह पर चलने की नसीहत दी और सभी की मुरादे पूरी होने की दुआएं की। ज्ञात हो कि शहर में सुबह से ही भारी बारिश हो रही थी लेकिन भारी संख्या में लोग बारिश में भींगते हुए बाबा हुजूर की सवारी में शामिल हुए। इस दौरान समूचे शहर में पुलिस प्रशासन के द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
बांधवगढ़ टाईम्स अपडेट //---उमरिया वाले बाबा हुजूर की अकीदा में उमड़ा जन सैलाब